कुछ कहू तो
चुप करा देती हो तुम ...!!
कुछ न कहो तो
मुस्कुरा देती हो तुम ...!!
तूफ़ान सी होकर
गुमसुम सी लगती हो तुम ...!!
ये हवा अपना रुख बदल
हमसे इतना प्यार करती हो तुम ....!!
हमारा शर्माना
हसी हो जाती हो तुम .....!!
हमारा धड़कना
गले लगा लेती हो तुम ....!!
जीवन की इस सफर में
साथी हो जाती हो तुम ....!!
जीवन तो नसीब नाही हमें '
मरकर भी कब्र पर क्या रोती हो तुम ....!! कब्र ( मकबरा )
चिमनिताई ...!!
Sunday, September 14, 2008
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